World War 2 : द्वितीय विश्व युद्ध कब और क्यों हुआ था

World War 2 : द्वितीय विश्व युद्ध कब और क्यों हुआ था – प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात भविष्य में इस तरह की लड़ाइयों को रोकने के लिए 1919 में राष्‍ट्रसंघ की स्‍थापना की गई थी, परन्तु यह संघ दूसरे विश्व युद्ध को रोकनें में नाकाम रहा | इसके फलस्वरूप 20 वर्षों बाद एक बार पुनः युद्ध शुरू हो गया, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में जाना जाता है | द्वितीय विश्व युद्ध के जो परिणाम सामनें आये वह प्रथम विश्व युद्ध की अपेक्षा कहीं अधिक प्रलयकारी थे | वर्ष 1939 में दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत यूरोप में हुई थी और यह युद्ध सितंबर1945 में समाप्त हुआ था |

World War 2

यह युद्ध मित्र राष्ट्रों तथा धुरी राष्ट्रों के बीच लड़ा गया था।मित्र देशों की अगुवाई अमेरिका, फ़्रांस और ग्रेट ब्रिटेन द्वारा किया गया जबकि धुरी शक्तियों का नेतृत्वजर्मनी, इटली और जापान द्वारा किया गया था | इस युद्ध में लगभग लगभग 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं शामिल थी | इसके साथ ही इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग 10 करोड़ सैनिकों नें भाग लिया था,जिसमें 5 से 7 करोड़ लोगो की जानें गई और 2 करोड़ से अधिक लोग घायल हुए थे | इस विनाशकारी युद्ध में परमाणु बम का भी इस्तेमाल हुआ था, जिसके कारण अनेको लोग बीमारी और भुखमरी का शिकार हुए | (World War 2 ) द्वितीय विश्व युद्ध कब और क्यों हुआ था, कारण व परिणाम के बारें में आपको यहाँ विस्तार से जानकारी दे रहे है |

World War 2 : दूसरे विश्व युद्ध के अनेक कारण प्रथम विश्व युद्ध के कारणों से मिलते जुलते हैं | कहा जाता है, कि दूसरे विश्व युद्ध की भूमिका पहले विश्व युद्ध के समापन के साथ ही बन गयी थी | प्रथम विश्व युद्ध के बाद वर्साय की संधि को द्वितीय विश्वयुद्ध का प्रमुख कारण माना जाता है | हालाँकि कुछ मतों के अनुसार इसकी वास्तविक शुरुआत 1931 में हुयी थी, उस समय जापान नें चाइना से मंचुरिया छीन लिया और वर्ष 1935 में इटली नें एबीसनिया में हमला कर अपना अधिकार स्थापित कर लिया |

Contents

वर्ष 1936 में एडोल्फ हिटलर ने जर्मनी के राइनलैंड में अपनी सैन्य क्षमता बढानें का कार्य शुरू कर दिया | इसी बीच 7 जुलाई 1937 को मार्को पोलो पुल हादसा हुआ था, जिसके कारण जापान और चाइना के बीच युद्ध शुरू होगया, जिसे इन दोनों के बीच सबसे लम्बा युद्ध माना जाता है | 1 सितम्बर 1939 को जर्मनी नें पोलैंड में घुसपैठ की थी, जिसके कारण ब्रिटेन और फ़्रांस नें हिटलर के नाजी राज्य से बदला लेने की घोषणा कर दी और युद्ध छिड़ गया और इस युद्ध की समाप्ति उस समय हुई जब जब जापान नें सितम्बर 1945 को सरेंडर कर दिया | इस प्रकार दूसरा विश्व युद्ध 1 सितम्बर 1939 से शुरू होकर 14 सितम्बर 1945 में समाप्त हुआ |

द्वितीय विश्व युद्ध का कारण (Cause of World War 2 )

दूसरा विश्व युद्ध होनें के कारण इस प्रकार है-

1.तानाशाही शक्तियों का जन्म (Birth of Dictatorial Powers)

पहले विश्व युद्ध के बाद यूरोप में तानाशाही शक्तियों का जन्म हुआ | जर्मनी में हिटलर और इटली में मुसोलिनीतानाशाह बन बैठे। चूँकि इटली को पेरिस शांति सम्मेलन में कोई खास लाभ नहीं हुआ, जिसके कारण इटली में असंतोष की भावना जाग्रत हो उठी और इसी का लाभ उठा कर मुसोलिनी नें फासीवाद की स्थापना कर सारी शक्तियां अपने हाथों में केंद्रित कर ली। जर्मनी में भी हिटलर ने कुछ ऐसा ही किया, उसनें नाजीवाद की स्थापना की और वह जर्मनी का तानाशाह बन बैठा। दोनों तानाशाह हिटलर और मुसोलिनी नें आक्रामक नीति अपनाते हुए राष्ट्र संघ की सदस्यता त्याग दी | इस प्रकार इनकी आक्रामक नीतियों नें  जल्द ही दूसरे विश्व युद्ध के बीज का अंकुरण कर दिया |

2.साम्राज्यवादी प्रवृत्ति (Imperialist Tendencies)

दूसरे विश्व युद्ध का एक मुख्य कारण साम्राज्यवाद भी माना जाता है | उस समय जितनी भी साम्राज्यवादी शक्तिया थी, वह सभी अपनें साम्राज्य का और अधिक विस्तार करनें में लग गयी, जिससे साम्राज्यवादी राष्ट्र में आगे निकलनें की होड़ लग गयी | इसका परिणाम यह हुआ कि 1930 के दशक में आक्रामक कार्यवाहियां निरन्तर बढ़ती चली गई | वर्ष 1931 में जापान नें चीन पर आक्रमण कर दिया और मंचूरिया पर आधिपत्य स्थापित कर लिया, इसी तरह 1935 में इटली ने इथोपिया पर और इसी वर्ष जर्मनी ने राइनलैंड पर और 1938 में ऑस्ट्रिया पर आक्रमण कर जर्मन साम्राज्य में शामिल कर लिया |

3.यूरोप में गुटों का निर्माण (Forming Groups in Europe)

जर्मनी की शक्तियों में निरंतर विस्तार होता जा रहा था, इसे देखते हुए यूरोपीय राष्ट्र अपनी सुरक्षा के लिए गुटों का निर्माण करने लगे | फ्रांस नें इसकी शुरुआत करते हुए जर्मनी के इर्द-गिर्द के राष्ट्रों का एक जर्मन विरोधी गुट बनाया और इसके विरोध में जर्मनी और इटली ने एक अलग गुट बनाया, जिसमें जापान भी शामिल हो गया |

इस तरह जर्मनी, इटली और जापान का त्रिगुट का निर्माण हुआ और यह राष्ट्र धुरी राष्ट्र के नाम से प्रसिद्द हुआ | इस प्रकार फ्रांस, इंग्लैंड, अमेरिका और सोवियत संघ का अलग ग्रुप बना जो मित्र राष्ट्र के नाम सेविख्यात हुए | इस प्रकार गुटों के निर्माण से एक दूसरे के विरुद्ध घृणा और विद्वेष की भावना जागृत हो गयी |

4.हथियार बंदी की होड़ (Arms Race)

पहले विश्व युद्ध के बाद साम्राज्यवादी प्रतिस्पर्धा और राष्ट्र ग्रुप के निर्माण नें फिर से हथियार बंदी की होड शुरू कर दी। जर्मन आक्रमण को फ्रांस की सीमा पर रोकनें के लिए फ्रांस ने अपनी सीमा पर मैगिनो लाइन का निर्माण किया और भूमिगत किलाबंदी कर दी | इसके जवाब में जर्मनी नें अपनी पश्चिमी सीमा को मजबूत करनें के लिए सीजफ्रेड लाइन बनाई | इस तरह की गतिविधियों नें युद्ध को और हवा दे दी |

5.विश्व आर्थिक मंदी का प्रभाव

द्वितीय विश्वयुद्ध में1929-30 की विश्व आर्थिक मंदी का भी विशेष योगदान रहा, इसका परिणाम यह हुआ कि उत्पादन घट गया और बेरोजगारी और भुखमरी बढ़ती गई, कृषि व्यापार और उद्योग धंधे बुरी तरह से प्रभावित हो गये | इसमें सबसे बुरी स्थिति जर्मनी कि थी |वर्साय की संधि को उत्तरदाई बताते हुए हिटलर ने इसका लाभ उठाया और वह तानाशाह बन बैठा |

द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणाम क्या हुए (What Were The Results of World War 2 )

1.धन-जन की भीषण हानि (Huge Loss of Money)

पहले विश्व युद्ध की तुलना में दूसरे विश्व युद्ध में जन और धन की बहुत अधिक क्षति हुई |  इस युद्ध में अनुमानतः दोनों पक्षों के 7 करोड़ से अधिक लोग मारे गए और लाखों कि संख्या में लोग बेघर हो गये | जिससे इससे पुनर्वास की बड़ी समस्या कड़ी ही गयी | हिरोशिमा और नागासाकीपरमाणु बम के हमले से पूरी तरह से नष्ट हो गये | यहाँ तक कि इस युद्ध में लाखों यहूदियों की हत्या कर दी गई, घायलों की गिनती ही नहीं की जा सकती थी | इस प्रकार इतना विनाशकारी युद्ध पहले कभी नहीं हुआ था |

2.अमेरिका और सोवियत संघ की शक्ति में वृद्धि (Increase in Power of America and Soviet Union)

दूसरे विश्व युद्ध के बाद फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड और इटली के स्थान पर सोवियत संघ और अमेरिका का प्रभावविश्व कि राजनीति में बढ़ता गया | इन्हीं दोनों देशों के इर्द-गिर्द युद्धोत्तर राजनीतिक घूमने लगी |

3.साम्यवाद का तेजी से प्रसार (Rapid Spread of Communism)

दूसरे विश्व उदध के बाद सोवियत संघ की अगुवाई में साम्यवाद बहुत ही तीव्र गति से फैलता चला गया |  साम्यवाद के प्रसार से फासीवादी और साम्राज्यवादी शक्तियों की कमर टूट गई. वह पुनः सिर उठाने लायक नहीं रहे |

4.जर्मनी का विघटन (Disintegration of Germany)

दूसरे विश्व युद्ध के बाद जर्मनी को दो भागो पश्चिमी जर्मनी और पूर्वी जर्मनी में विभाजित कर दिया गया | पश्चिमी जर्मनी को इंग्लैंड अमेरिका और फ्रांस तथा पूर्वी जर्मनी को सोवियत संघ के संरक्षण में रखा गया | बर्लिन की दीवार बनाकर इसका विभाजन किया गया | विगत वर्षों में जर्मनी का पुनः एकीकरण कर बर्लिन की दीवार तोड़ दी गई है, तथा जर्मनी पर से विदेशी आधिपत्य समाप्त कर दिया गया है |

5.संयुक्त राष्ट्र की स्थापना (United Nations Establishment)

दूसरे विश्व युद्ध के बाद एक बार फिर से एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता महसूस हुई, ताकि वैश्विक शांति बनाये रखनें के साथ ही विश्व युद्ध की पुनरावृति को रोका जा सके। इस प्रकार अमेरिका की अगुवाई में 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र नामक संस्था की स्थापना की गई।

6.वैज्ञानिक स्तर पर प्रगति (Scientific Progress)

वैज्ञानिक स्तर पर प्रगति के अंतर्गत कुछ वैज्ञानिक आविष्कार तो मानव सभ्यता के लिए लाभदायक सिद्ध हुए परन्तु कुछ परिणाम बहुत ही घातक सिद्ध हुए |  संक्रामक बीमारियों से निपटनें के लिए नए उपाय खोजे गए। इसी तरह युद्ध के लिए रॉकेट, बमवर्षक विमानों और जेट इंजन का निर्माण के साथ ही रेडार का भी विकास किया गया | युद्ध के समाप्त होनें के बाद सभी देश परमाणु हथियारों के निर्माण की दौड़ शुरू हो गई |

द्वितीय विश्वयुद्ध में जनहानि और विनाश का अनुमानित आकड़ा (Estimated Figures of Casualties and Destruction in World War 2

देश का नाम मृतकों की संख्या  घायलों की संख्या
रोमानिया 300,000
सोवियत यूनियन 75,00000 5,000000
यूनाइटेड स्टेट्स 405,399 670,846
इटली 77,494 120,000
बुल्गेरिया 10,000 21878
कनाडा 37476 53174
चाइना 2,200000 1,762000
फ्रांस 210,671 390,000
जर्मनी 3500000 7,250,000
ग्रेट ब्रिटेन 329,208 348,403
ऑस्ट्रेलिया 23,365 39803
ऑस्ट्रिया 380,000 350,117
बेल्जियम 7760 14500
हंगरी 140,000 89,313
जापान 1219000 295247
पोलैंड 320,000 530000

यहाँ आपको द्वितीय विश्व युद्ध (World War 2 ) के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है | यदि आपको इससे  सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप  अपने विचार या सुझाव कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूंछ सकते है | इसके साथ ही आप अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो www.ourbightought.com पर विजिट करे |

friend good friend who?

Seventh step

Success story success motivational story

Praise the gods

11 such stories of Mahabharata 

Mandodari-Lament, Ravan’s funeral


To get every information like our Facebook page where you are provided with the right information. Click here to like our FACEBOOK PAGE.

Leave a Comment