सार
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world war : इस युद्ध से भयंकर तबाही हुई थी। हर तरफ लाशों के ढेर और गोले-बारूद ने भीषण विभीषिका की गवाही दी थी। युद्ध में शामिल किसी भी देश ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली। बल्कि वे यह दावा करते थे कि उन्होंने शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की थी लेकिन शत्रु राष्ट्र की नीतियों के कारण जंग करना पड़ा।
world war : विस्तार
युद्ध हमेशा मानव समुदाय को एक बड़े और गहरे संकट में डालता रहा है। इसलिए दुनिया में कई युद्ध इतिहास में बड़ी त्रासदी के तौर पर दर्ज हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का एलान करके एक और जंग का आगाज कर दिया है। पुतिन की सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद रूस ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले शुरू कर दिए हैं। इस हमले में अब तक 50 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 10 आम नागरिकों के मारे जाने की बात सामने आई है। यूक्रेन ने भी रूस के 50 सैनिक मारने की बात कही है। इस युद्ध की वजह से हजारों लोगों के मारे जाने और बड़ी संख्या में लोगों के विस्थापित होने का खतरा मंडराने लगा है।
ऐसे में प्रथम विश्व युद्ध की कहानी को भी याद करना जरूरी है जिसकी वजह से दुनिया ने भयंकर तबाही का मंजर देखा था। प्रथम विश्व युद्ध जब समाप्त हुआ तो यह सबसे बड़ी विभीषिका साबित हुई।
world war : चिंगारी कहां पड़ी?
28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्चड्यूक फर्डिनेंड अपनी पत्नी के साथ बोस्निया में साराएवो के दौरे पर थे। जहां दोनों पति- पत्नी की हत्या कर दी गई। इसके बाद जो घटनाक्रम शुरू हुआ वो प्रथम विश्व युद्ध कहलाया। इस हत्या का आरोप सर्बिया पर लगा। इस घटना के एक महीने बाद ही यानी 28 जुलाई, 1914 को ऑस्ट्रिया ने सर्बिया पर आक्रमण कर दिया। धीरे-धीरे इस युद्ध में करीब 37 देश शामिल होते चले गए और आखिरकार इसने विश्व युद्ध का रूप धारण कर लिया।
इस युद्ध में दुनिया दो गुटों में बंट गई। धुरी राष्ट्र यानी सेंट्रल पावर का नेतृत्व जर्मनी ने किया था, जिसमें ऑस्ट्रिया, हंगरी, इटली, बुल्गारिया आदि देश शामिल थे। वहीं मित्र राष्ट्रों जिसे अलाइड फोर्सेज कहा गया इसमें ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, अमेरिका, जापान आदि देश थे। अमेरिका 1917 के बाद इस युद्ध में शामिल हुआ।
world war : युद्ध कब तक चला?
1914 से 1918 तक चला यह महायुद्ध यूरोप, एशिया और अफ्रीका तीन महाद्वीपों के जमीन, जल और आसामान में लड़ा गया था। करीब सात करोड़ सैनिक इस युद्ध में लड़े। जिसमें जर्मनी की हार हुई।
पहले विश्व युद्ध के लिए यूं तो 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्चड्यूक फर्डिनेंड की हत्या को प्रमुख और तात्कालिक कारण माना जाता है, लेकिन इतने बड़े युद्ध के लिए सिर्फ यही वजह नहीं थी बल्कि इसके कई और घटनाक्रम थे, जो विश्वयुद्ध के लिए जिम्मेदार थे। जैसे इसके लिए जर्मनी की नई अंतर्राष्ट्रीय विस्तारवादी नीति को भी दोष दिया जाता है। दरअसल 1890 में जर्मनी के नए सम्राट विल्हेम द्वितीय ने एक अंतर्राष्ट्रीय नीति शुरू की, जिसने जर्मनी को विश्व शक्ति बनाने की कोशिश की।
इसी का परिणाम रहा कि विश्व के अन्य देशों ने जर्मनी को एक उभरते हुए खतरे के रूप में देखा और फिर दुनिया दो गुटों में बंटती चली गई। 20वीं सदी में प्रवेश करते ही विश्व में हथियारों की दौड़ शुरू हो गई थी। वर्ष 1914 तक जर्मनी में सैन्य निर्माण में बहुत इजाफा हुआ। ब्रिटेन और जर्मनी दोनों ने इस दौरान अपनी नौ-सेना की ताकत भी काफी बढ़ा ली। इस वजह से युद्ध में शामिल देशों को और आगे बढ़ने में मदद मिली।
world war : युद्ध की और वजह क्या?
प्रथम विश्व युद्ध होने की एक और वजह किसी प्रभावशाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था के अभाव को भी माना जाता है। उस समय ऐसी कोई संस्था मौजूद नहीं थी जो साम्राज्यवाद, सैन्यवाद और उग्र राष्ट्रवाद पर नियंत्रण कर विभिन्न राष्ट्रों के बीच संबंधों को सहज बनाने में मदद कर सके। उस समय विश्व का लगभग प्रत्येक राष्ट्र अपनी मनमानी कर रहा था। इस वजह से यूरोप की राजनीति में एक प्रकार की अराजक स्थिति बन गई थी।
world war : इसे विश्वयुद्ध क्यों कहा गया?
इस लड़ाई में भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया), इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों और बड़ी मानवीय त्रासदी के कारण ही इसे ‘विश्व युद्ध’ कहा गया। माना जाता है कि प्रथम विश्व युद्ध की वजह से करीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में आ गई थी। इस दौरान लगभग एक करोड़ लोगों की मौत हुई थी जबकि दो करोड़ से ज्यादा लोग घायल हो हुए थे। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मारे गए। इस युद्ध में 70 हजार भारतीय सैनिकों ने अपनी कुर्बानी देकर ब्रिटेन को ऐतिहासिक जीत का तोहफा दिया था।
युद्ध कब खत्म हुआ?
यह युद्ध साल 11 नवंबर 1918 को आधिकारिक रूप से जर्मनी के सरेंडर करने के बाद समाप्त हो गया। इसी कारण 11 नवंबर को प्रथम विश्व युद्ध का आखिरी दिन भी कहा जाता है। इसके बाद 28 जून 1919 को जर्मनी ने वर्साय की संधि जिसे शांति समझौता भी कहते हैं उस पर हस्ताक्षर किए। इस कारण उसे अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा। साथ ही उसपर दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबंदी लगा दी गई और उसकी सेना का आकार भी सीमित कर दिया गया।
जीतने वाले सभी देशों ने एकमत से यह तय किया था कि इसका पूरा हर्जाना जर्मनी भरेगा। इस युद्ध के समाप्त होते-होते दुनिया के चार बड़े साम्राज्यों रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया (तुर्क साम्राज्य) का विनाश हो गया था। इसके बाद यूरोप की सीमाएं फिर से निर्धारित हुईं और साथ ही अमेरिका भी एक ‘महाशक्ति’ के रूप में दुनिया के सामने उभरा।
Who and How won the first world war ?
The Allies should be won the first world war Ways which was used by Allies during first world for won - The one of the major way of Allies by which they have won the world war 1 Was their - Great british ruler
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2 thoughts on “world war : कैसे छिड़ा था प्रथम विश्व युद्ध? रूस के यूक्रेन पर हमले के बीच यह कहानी याद कीजिए”